प्राणी तो किसी भी ग्रह का वासी हो, सबका ही कल्याण तो वह करता है। प्राणी तो किसी भी ग्रह का वासी हो, सबका ही कल्याण तो वह करता है।
हर्षित मन खिला हैं गुलशन आया बसंत..... हर्षित मन खिला हैं गुलशन आया बसंत.....
मत खेल प्रकृति से तू इतना... मत खेल प्रकृति से तू इतना...
देना जानती है ये भी ईंट का जवाब पत्थर से। देना जानती है ये भी ईंट का जवाब पत्थर से।
यह कविता यह संदेश देती है कि मनुष्य किस तरह प्रकृति के साथ खेल रहा है और स्वयं को नुकसान पहुँचा रहा ... यह कविता यह संदेश देती है कि मनुष्य किस तरह प्रकृति के साथ खेल रहा है और स्वयं क...
सुनामी सब कुछ सूना कर जाती है। सुनामी सब कुछ सूना कर जाती है।